आत्मा शाश्वत है,
न कभी जन्म लेती है,
न कभी मरती है।
वह अविनाशी है,
अनंत है,
अमृत है।
वह देह में रहती है,
पर देह नहीं है।
वह मन में रहती है,
पर मन नहीं है।
वह बुद्धि में रहती है,
पर बुद्धि नहीं है।
वह आत्मा है,
सर्वव्यापक,
सर्वशक्तिमान।
© VishalDutia
आत्मा शाश्वत है,
न कभी जन्म लेती है,
न कभी मरती है।
वह अविनाशी है,
अनंत है,
अमृत है।
वह देह में रहती है,
पर देह नहीं है।
वह मन में रहती है,
पर मन नहीं है।
वह बुद्धि में रहती है,
पर बुद्धि नहीं है।
वह आत्मा है,
सर्वव्यापक,
सर्वशक्तिमान।
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