तू कितनी ख़ूबसूरत है
तेरी आँखों में जो नूर है
तेरे होंठों पे जो मुस्कान है
तेरे जुल्फों का जो समान है
तू कितनी ख़ुशनुमा है
तेरी आवाज़ में जो सुर है
तेरे दिल में जो प्यार है
तेरी बातों में जो मिठास है
तू कितनी महकती है
तेरी साँसों में जो इत्र है
तेरे रूप में जो श्रृंगार है
तेरी चाल में जो अदा है
तू कितनी मुकम्मल है
तेरी ज़िन्दगी में जो सुकून है
तेरे साथ में जो ख़ुशी है
तेरा साया में जो फ़ना है
© VishalDutia
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