न भूत न भगवान

न भूत न भगवान दुनिया में है केवल इंसान ही इंसान
जो अपने कर्मों से बनता है अपना आसमान
जो अपने सोच से बनता है अपना जहान

कोई नहीं है जो तुम्हें बचाए
कोई नहीं है जो तुम्हें सजाए
तुम्हारे हाथ में है तुम्हारा भाग्य
तुम्हारे मन में है तुम्हारा साथी

तुम्हीं हो वो जो करते हो प्रेम
तुम्हीं हो वो जो करते हो क्रोध
तुम्हीं हो वो जो करते हो सेवा
तुम्हीं हो वो जो करते हो मार

न भूत से करना किसी का कुछ
न भगवान से माँगना किसी का कुछ
केवल इंसान से पूछना किसी का कुछ
केवल इंसान से मिलना किसी का कुछ

न भूत न भगवान दुनिया में है केवल इंसान ही इंसान
जो समझता है, सीखता है, सिखलाता है
जो प्यार करता है, प्यार पाता है, प्यार बाँटता है

©vishaldutia.in

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